व्यक्तिगत नैतिकता का अर्थ समाजसेवा करना नहीं
सामंतिक बाजार में एकाधिकार (मोनोपॉली) अकसर डरा धमका कर मिलता है। सही कानून, पुलिस और न्यायपालिका इस समस्या को हल करने में सार्थक होगी। इन बाजारों को प्रतियोगी बनाने के लिये सरकार को ब्याज दर को विनियमित करने और न्यूनतम मजदूरी कानून लागू करने के बजाय लोगों को बुनियादी सुरक्षा देने की जरूरत है। अगर लोगों को यह भरोसा होगा की सरकार उनके जान-माल की सुरक्षा कर सकती है तो वे लोग खुद ही सामंती शोषण से निपटने का तरीका ढूंढ लेंगे।