कांग्रेस ही कर सकती है एसवी राजू के विचारों को अधिकतम रूप में आत्मसात

Publication: 
इनाडु इंडिया
Publication Date: 
Saturday, 21 November 2015

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा है कि उदारवादी चिंतक एसवी राजू के विचारों को अधिकतम रूप में यदि कोई राजनैतिक दल आत्मसात कर सकती है तो वह कांग्रेस पार्टी ही है।

उन्होंने कहा कि अंतिम दिनों में राजू का झुकाव भारतीय जनता पार्टी और मोदी की तरफ हो गया था, किंतु हमें समझना होगा कि छोटी छोटी राजनैतिक घटनाओं से देश में उदारवाद नहीं आ सकता है। उन्होंने कहा कि मोदी व भाजपा ने चुनावों के दौरान उदारवादी नारों का बखूबी इस्तेमाल किया और प्रबुद्ध लोगों का समर्थन हासिल करने में सफल रहे। वह उदारवादी चिंतक एसवी राजू की स्मृति में आयोजित एक कांफ्रेस को संबोधित कर रहे थे।

थिंकटैंक ‘सेंटर फॉर सिविल सोसायटी’ व ‘फ्रेडरिक न्यूमन फाउंडेशन’ द्वारा शुक्रवार को होटल पार्क में आयोजित ‘लिब्रलिज्म इन इंडियाः पास्ट, प्रजेंट एंड फ्यूचर’ विषय पर आधारित कांफ्रेस को संबोधित करते हुए थरूर ने कहा कि इलेक्टोरल डेमोक्रेसी में चीजें वोटबैंक के द्वारा तय होती हैं। उन्होंने बतौर संसद सदस्य अपने साढ़े छह वर्ष के अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव लड़ने वाले जनप्रतिनिधि यदि मुक्त बाजार व मुक्त व्यापार के मुद्दे के साथ जनता के बीच में जाएंगे तो अधिकतम लोग चुनाव हार जाएंगे। कांफ्रेस के दौरान ऑक्सस इन्वेस्टमेंट्स के चेयरमैन व एमडी सुरजीत एस. भल्ला द्वारा ‘टुवर्ड्स ए लिबरल इंडियाः रिथिंकिंग रीजर्वेशन’, फर्स्ट पोस्ट व फोर्ब्स इंडिया के एडिटर इन चीफ आर जगन्नाथन द्वारा ‘रिलिजियस एंड कल्चरल फ्रीडम इन इंडियाः बोथ टू लिटिल एंड टू मच’, सीसीएस के प्रेसीडेंट पार्थ जे शाह द्वारा ‘वेलफेयर स्टेट वर्सेस वेलफेयर सोसायटीः राइट्स, एन्टाइटलमेन्ट्स एंड एम्पेथी’, लोकसत्ता पार्टी के संस्थापक जेपी नारायण द्वारा ‘लिबर्टी एंड लोकस ऑफ पॉवर’, लिबर्टी इंस्टिट्यूट के संस्थापक निदेशक बरून मित्रा ‘लिब्रलिज्म फॉर हूम’, तक्षशिला फाउंडेशन के निदेशक नितिन पाइ द्वारा ‘लिबर्टी एंड सिक्यूरिटी इन रैडिकली नेटवर्क्ड सोसायटीजः ए चैलेन्ज फॉर एवरी जेनेरेशन’ व सॉफ्टवेटर कंपनी एम्फेसिस के संस्थापक व पूर्व सीईओ जयतीर्थ राव द्वारा ‘वाय लिब्रल पार्टीज फेल’ विषयों पर पेपर प्रस्तुत किए गए।

इस दौरान एफएनएफ के रीजनल डायरेक्टर साऊथ एशिया रोनॉल्ड मेनार्डस, आईडीएफसी प्राइवेट इक्विटी के पूर्व चेयरमैन लुईस मिरांडा, कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया की पूर्व सदस्या गीता गौरी, अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टिट्यूट के रेजीडेंट फेलो सदानंद धुमे, आरबीआई टेक्निकल एडवायजरी कमेटी के सदस्य अरविंद विरमानी, ब्रूकिंग्स इंडिया के रिसर्च डायरेक्टर सुबीर गोकर्ण, विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के संस्थापक व रिसर्च डाइरेक्टर अर्घ्य सेनगुप्ता, सीता पार्थसार्थी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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