देश के लिए आरक्षण कैंसर से भी खतरनाक: सुरजीत भल्ला
नई दिल्ली | आरक्षणदेश के स्वास्थ्य के लिए कैंसर से भी गंभीर बीमारी है। यह बात ‘भारत में उदारवाद के भूत, वर्तमान और भविष्य’ पर आयोजित चर्चा में ऑक्सस इन्वेस्टमेंट के चेयरमैन सेबी के सेकेंड्री मार्केट एडवाइजरी कमेटी के पूर्व सदस्य सुरजीत भल्ला ने कही।
उन्होंने कहा कि आरक्षण की व्यवस्था ने देश के साथ आरक्षित वर्ग को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया। आरक्षण व्यवस्था का उद्देश्य वंचित तबके की हालत में सुधार लाना होता है जबकि आरक्षण ने वास्तविक वंचितों की हालत को और भी दयनीय बना दिया। सुरजीत सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस) फ्रेडरिक न्यूमॉन फाउंडेशन (एफएनएफ) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उदारवादी विचारक और लेखक एसवी राजू की स्मृति में यह सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान ‘डिवेल्यूएशन टू प्रॉसपेरिटी’ नामक पुस्तक के लेखक सुरजीत भल्ला ने मुस्लिमों, अनुसूचित जातियों, जनजातियों पिछड़े वर्ग की तमाम समस्याओं के लिए आरक्षण को दोषी ठहराया।
सम्मेलन में अर्थशास्त्री अतानु डे, एमफेसिस के संस्थापक जयतीर्थ राव, सीसीएस के प्रेसिडेंट डॉ. पार्थ जे शाह, लोकसत्ता पार्टी के संस्थापक जेपी नारायण, प्रॉक्टर एंड गैम्बल इंडिया के पूर्व सीईओ गुरचरन दास सहित कई अर्थशास्त्री मौजूद थे।
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