आर्थिक सुधारों का श्रेय मनमोहन-राव की ‘जुगलबंदी’ को : रमेश
आर्थिक सुधारों के प्रभाव के बारे में बताया
जयराम रमेश फिक्की ऑडिटोरियम में आर्थिक सुधारों के प्रभाव व इसके पूर्व की व्यवस्था को रेखांकित करते एक वेबसाइट का विमोचन कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों के लिए अपने दरवाजे को खोलने को लेकर विपक्ष सहित सरकार में शामिल लोगों का भी विरोध झेलना पड़ा।
वित्तीय संकट से राव-सिंह की कुशलता ने निकाला
जयराम रमेश ने बताया कि नरसिम्हा राव की राजनैतिक कुशलता और मनमोहन सिंह की आर्थिक विशेषज्ञता ने इसे संभव कर दिखाया हालांकि उस दौर के वित्तीय संकट ने भी इसमें काफी मदद की।
आर्थिक आजादी के प्रयास 1991 के बाद हुए शुरू
इस मौके पर सेंटर फॉर सिविल सोसायटी के अध्यक्ष व अर्थशास्त्री डा. पार्थ जे. शाह ने कहा कि भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी तो साल 1947 में मिल गई थी लेकिन आर्थिक आजादी के प्रयास 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद से ही शुरू हुए। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधारों की गति बेहद सुस्त होने के बावजूद लोगों के जीवन स्तर व प्रतिव्यक्ति आय में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं।
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