निजी स्कूलों को प्रतिस्पर्धी नहीं सहयोगी के रूप में देखने की जरूरतः जय पांडा

Publication: 
एजु एडवाइस
Publication Date: 
Thursday, 8 December 2016
  • शिक्षा से संबंधित चुनौतियों, नवाचारों और जश्नों को प्रदर्शित करती फिल्में हुई पुरस्कृत, सांसद उदित राज ने किया सम्मानित
  • कूचियों की सहायता से अपने सपनों के स्कूल को कागज पर आकार देने वाले स्कूली छात्र भी हुए पुरस्कृत

बीजू जनता दल के सांसद बिजयंत 'जय' पांडा ने कहा है कि देश की अधिकांश समस्याएं आजादी के बाद के 50वर्षों की नीतियों की देन हैं। पूर्ववर्ती सरकारों की नीतियां कमोवेश सेवा प्रदाताओं को आगे बढ़ाने की बजाए स्वयं सेवा प्रदान करने की रहीं, जिसके कारण लोगों को न तो अच्छी सेवाएं प्राप्त हो सकीं न ही सेवा प्रदाता आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा में व्याप्त खामियां भी इसी भावना की देन है। श्री पांडा ने कहा कि निजी स्कूलों को शिक्षा प्रदान करने के काम में सहयोगी के तौर पर देखना चाहिए न कि सरकारी स्कूलों प्रतिस्पर्धी के रूप में। वह थिंकटैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस) द्वारा आयोजित 8वें स्कूल च्वाइस नेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

शनिवार को इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित नेशनल कांफ्रेंस का विषय़ नई शिक्षा नीति और बजट प्राइवेट स्कूल्स था। इस के दौरान सीसीएस प्रेजिडेंट डा. पार्थ जे. शाह ने छोटे व कम फीस वाले स्कूलों के लिए अलग शिक्षा बोर्ड गठित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सीबीएसई व अन्य शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता तय मानदंडों को पूरा करना बजट प्राइवेट स्कूलों के समर्थ के बाहर होता है परिणाम स्वरूप उनपर तालाबंदी का खतरा मंडराता रहता है। कॉन्फ्रेंस के दौरान शिक्षा के क्षेत्र की चुनौतियों,अध्यापन के लिए अपनाए जाने वाले नवाचारों व जश्नों पर आधारित 'एडुडॉकः इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म कॉम्पटीशन' की श्रेष्ठ 5फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के सांसद डा. उदित राज के द्वारा 'फॉल इन लाइन', 'ट्रांसफॉर्मिंग सिविक्स एडुकेशन, ट्रांसफॉर्मिंग कम्यूनिटीज़' व 'ब्लैकबोर्ड' को क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार के तौर पर 25 हजार, 15 हजार व 10 हजार रूपए, अवार्ड व सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। उदित राज ने देशभर के 6वीं से 9वीं कक्षा के छात्रों के बीच कराए गए पेंटिंग कॉम्पटिशन के दौरान प्राप्त तीन श्रेष्ठ पेंटिंग को क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रदान किया। बच्चों को क्रमशः 5 हजार, 3 हजार व 2 हजार रूपए, अवार्ड व सर्टिफेट प्रदान किया गया। इस दौरान श्यामा प्रसाद मुकर्जी रिसर्च फाउंडेशन के डायरेक्टर डा. अनिर्बान गांगुली, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन की प्रो. गीता किंगडन, नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कुलभूषण शर्मा, शिक्षाविद एस.के. भट्टाचार्या, विवेक कथपालिया, बिक्रमा डी सिंह, कविता आनंद, रोहन जोशी, प्रशांत नारंग, अशोक ठाकुर, सुजाता मुथैया, सुष्मिता बासु, डा. अमित चंद्र आदि ने अलग अलग सत्रो को संबोंधित किया।

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